नानी कौन ?

आती याद मुझे नानी


नानी  कौन ?
नानी मेरी माँ जी  की माँ ,
मेरे पिता जी की सासू माँ ,
मेरे नाना जी की पत्नी,
मेरे मामा जी और माँसी जी की माँ ,
मेरी मामी जी की सासू माँ,
मेरे ममेरे भाई बहनों की  अम्मा,

मेरे सहोदरों और मौसेरे भाई बहनों की नानी  ,
और मेरी प्यारी-प्यारी नानी ,

 मुझे  आती  है अक्सर मेरी नानी की याद,
 जब भी  होता हूँ  अकेला और उदास ,
 नानी की  याद से  मिलाती है मुझे प्रेरणा ,
बढ़ता है मेरा  आत्मविश्वाश ,
क्योकि मै हूँ उनका  अंश ,
जिसने सींचा  है अपने खून  पसीने से अपना  वंश ,

वैसे साहित्य में तभी आती है नानी की याद ,
 जब करनी होती है चुनौती भरी बात  ,
कभी -कभी दोस्तों  नानी को कर लिया करो याद ,
क्योकि नानी है रिश्तो की  सबसे बड़ी खाद ,
अगर नानी अपनी न होती भाई,
तो हम दुनिया में न देते दिखाई ,

और न लिखते कविता और कहानी ,
न आती याद मुझे नानी ,






Comments

Rajesh Kumari said…
वाह नानी की महिमा बहुत कम देखने को मिलती है आज आपकी कविता पढ़कर बहुत अच्छा लगा मैं भी दो प्यारी बच्चियों की नानी हूँ ---बहुत बहुत शुभकामनायें
sangita said…
अच्छा लगा, आपके ब्लॉग पर आना सार्थक हुआ रिश्तों की मिठास में पगी रचना से परिचय हुआ|बधाई|
आज कल आपा -धापी में रिश्तो की डोर जब क्षीण होती जा रही है ,नानी और माँ ही किसी रिश्ते की गरिमा का आभास दिलाती है ,इसी ममतामयी गरिमा का अहसास उद्गार के रूप में आपके सामने है ,शुभकामना के लिए बहुत - बहुत साधुवाद |
This comment has been removed by the author.
दो कुलों जोड़ने और उसकी मर्यादा बनाए रखने को नानी की जो जद्दोजहद होती है,उसकी कमी नानी के जाने के बाद स्पष्ट महसूस की जा सकती है।
This comment has been removed by the author.
आपकी अनुभवी बाते बड़ी सटीक और मार्मिक है ,रिश्तो की डोरी घर के बड़े -बुजुर्ग जिस मजबूती से पिरोते है उसका अपना अलग ही महत्व है ,फिर नानी तो दो घरो के रिस्तो की नीव होती है ,आपके विचारो से पूर्णत सहमत हूँ ,पृष्ठ दृश्य एवं टिप्पड़ी के लिए धन्यवाद ।
रिश्तो के ताने- बाने ही जीवन का आधार है ,नानी तो ममता का अविरल स्रोत है ,उनका गुणगान अपनी लेखनी से करने में मुझे गर्व महसूस हुआ ,आपकी शुभकामना से और अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलेगी ,बधाई के लिए बहुत - बहुत साधुवाद |

Popular posts from this blog

चक्रव्यूह

प्रयास

नानी