माँ का आंचल

माँ का आंचल

हर कष्ट उठाकर प्यारी माँ तू नयी जिंदगी देती है , 
तेरी शुभता से प्रेरित हो हर राह सुखद बन जाती है , 
तेरे आशीष वचन से माँ ,कांटे भी लगते फूल मुझे , 
दुरगम हो पंथ भले कितना ,मेरी राह सुखद हो जाती है,
 तेरी गोदी में आके माँ लोहा सोना बन जाता है , 
अनगढ़ मिटटी का लोंदा भी ,मूरत प्रभु की कहलाता है ,
 एहसास तेरी ममता का माँ जीवन में अमृत घोल रहा ,
तेरी आंचल की छाया से, हर दर्द सुखद मन बोल रहा , 
उपकार तेरा मुझ पर अनंत ,प्रेरित तुझसे मेरा पल क्षण ,
 हर जन्म मिले तेरा आंचल ,अभिलाषा ये मेरी हर क्षण , 
संघर्ष भरे इस जीवन में ,तू दीपक घोर अँधेरे में, 
तेरे पथ प्रदर्शन से मेरा जन्म धन्य हो जाता है , 

Comments

BS Pabla said…
बहुत खूब
सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद श्री मानजी

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